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सिंगरौली विस्थापित मंच की कार्यकारिणी गठित

दधिलाल सिंह को सर्वसम्मति से चुना गया अध्यक्ष

विस्थापित हो रहे मोरवा वासियों को उचित लाभ दिलाना सर्वोपरि

(सुनील सोनी)
पोल खोल कार्यालय
एनसीएल की जयंत एवं दूधिचुआ परियोजना के विस्तार हेतु मोरवा के किए जाने वाले विस्थापन को लेकर अब मोरवा के लोगों में एकजुटता आज दिखी। सप्ताह भर के भीतर सिंगरौली स्थापित मंच के बैनर तले दूसरी बैठक आयोजित कर सभी ने इसकी कार्यकारिणी एवं रूपरेखा गठित की। रविवार शाम आयोजित इस बैठक में सर्वसम्मति से दधिलाल सिंह को इस मंच का अध्यक्ष नियुक्त किया, वही प्रारंभिक तौर पर 11 सदस्य कोर कमेटी ने 57 कार्यकारिणी सदस्य के साथ श्रीमती रीति पाठक, कांत देव सिंह, रामलल्लू बैस, वीरेंद्र गोयल, राम सुमिरन गुप्ता, आरपी सिंह, नरेंद्र चंद्र सिंह, कृष्ण कुमार जयसवाल, महेंद्र प्रताप सिंह, शिवचंद्र वाजपेई, कालिका गुप्ता, यदुवीर यादव, विनय सिंह, जीपी सिंह, एवं हरचरण भाटिया के नाम को संरक्षक मंडल में जोड़ा गया। साथ ही मोरवा जोन के समस्त वार्ड पार्षदों एवं पत्रकारों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रखा गया है।

इससे पूर्व आए हुए अतिथियों का स्वागत संजय प्रताप सिंह के द्वारा किया गया, वहीं मंच का संचालन भूपेंद्र गर्ग बंटी ने किया एवं समस्त आए हुए अतिथियों का आभार पवन प्रताप सिंह के द्वारा किया गया। प्रारंभिक तौर पर कार्यकारिणी के लोगों का दायित्व विस्थापन की जटिलता एवं यहां के लोगों को मिलने वाले लाभ समेत अन्य मुद्दों को लेकर एनसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन से वार्ता करना रहेगा। आज की इस बैठक में सभी ने एकमात्र राय रखते हुए बताया कि देश के विकास के लिए विस्थापन जरूरी है परंतु यहां का विस्थापन मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए। देश की ऊर्जा के लिए मोरवा का विस्थापन अब तक का सबसे बड़ा विस्थापन होगा। अतः एक शहर को उजाड़ने से पूर्व यहां के लोगों को बसाने एवं मूलभूत सुविधा प्रदान करने के लिए प्रबंधन को रूपरेखा तैयार करनी होगी। पूर्व में ग्राम मढौली की भांति यदि एनसीएल प्रबंधन यहां के लोगों को विस्थापित करना चाहेगा तो सभी एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे।

वार्ड पार्षदों को सौंपा गया दायित्व
मोरवा के विस्थापन से कोई अछूता नहीं रह जाएगा अतः हर आम और खास इस मंच से जुड़ता दिख रहा है इसी क्रम में आज वार्ड पार्षदों को भी दायित्व सौंपा गया है कि आगामी बैठक में एवं आवश्यकता पड़ने पर सभी वार्ड पार्षद अपने क्षेत्र से लोगों को जागरूक करते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। जिससे कि संगठन को बल मिल सके।

चर्चा के दौरान इन निम्न बिंदुओं को एजेंडे में लेने के लिए सुझाव दिए गए
👉 1. वार्ड वार कमेटी का गठन

👉 2. वार्ड पार्षदों एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेना

👉 3. रजिस्ट्री एवं नामांतरण प्रतिबंधित क्षेत्र को कलेक्टर से मिलकर के मुक्त करवाना

👉 4. ब्लास्टिंग की तीव्रता पर एनसीएल प्रबंधन से चर्चा कर कंट्रोल ब्लास्टिंग करवाना

👉 5. सेफ्टी जोन को लाल झंडों के माध्यम से चिन्हित करवाना

👉 6. बसाहट की जगह चिन्हित कर उसे विकसित करने के लिए प्रशासन से आग्रह करना

👉 7. परेवा नाला से चटका नाला तक बाईपास सड़क के निर्माण के लिए प्रशासन से चर्चा करना

👉 8. एनसीएल के द्वारा विस्थापितों को लार एक्ट से अधिग्रहण की गई भूमि पर प्लाट देना

👉 9. प्रदूषण के लिए एन जी टी के अधिकारियों से बैठक करना

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