Singrauli : गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शुगर होने का खतरा बना रहता है

स्वास्थ्य केन्द्रों में नेशनल जीडीएम दिवस का हुआ आयोजन,कुपोषित बच्चों को सेरेलैक पाउडर का हुआ वितरण
पोल खोल सिंगरौली
जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में राष्ट्रीय जीडीएम दिवस का आयोजन हुआ। जहां गर्भकालीन मधुमेह के प्रति महिलाओं को जागरूक कर उन्हें आवश्यक सुझाव एवं सलाह दिये गये।
डीपीएम एनआरएचएम सिंगरौली सुधांशु मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर अरूण कुमार के निर्देश एवं सीएमएचओ डॉ.एनके जैन के मार्गदर्शन में बैढऩ ब्लाक के चितरवई कला में सीएचओ द्वारा राष्ट्रीय जीडीएम दिवस का आयोजन किया। गर्भकालीन मधुमेह के प्रति जागरूकता प्रदान की। एनसीएल सीएसआर अमलोरी के सहयोग से गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को गुड़ चना व कुपोषित बच्चों के लिए सेरेलैक पाउडर का वितरण किया।
यहां बताते चलें कि 10 मार्च राष्ट्रीय जीडीएम दिवस के रूप में मनाया जाता है। जेस्टेशनल डाइबिटीज मेलाइटिस, गर्भावस्था के दौरान होने वाला मधुमेह, समस्त हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर्स में एएनएम एवं सीएचओ द्वारा जीडीएस दिवस का आयोजन किया गया।
हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज होने का खतरा होता है। इसकी पहचान गर्भावस्था के दौरान होने वाली जाँचों के साथ बहुत आसानी से की जा सकती है। यह जाँच सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में एवं आँगनवाड़ी में मुफ्त उपलब्ध होती है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के समय डायबिटीज होता है उनमें से 50 प्रतिशत को अगले 5 साल में डायबिटीज हो सकता है। इन महिलाओं के शिशुओं में भी आगे चल कर डायबिटीज होने का खतरा सामान्य शिशुओं की तुलना में 8 गुना ज्यादा होता है।