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Sonbhadra : अनपरा सोनभद्र उत्पादन निगम की 1530 मेगावाट क्षमता की 6 इकाईयां ठप

बिजली कर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर
विद्युत कर्मचारी संघ अनपरा के बिजली कर्मियों ने सामूहिक रूप से जेल भरने के लिए क्लब में इकठा हुए,ऊर्जा मंत्री के आरोपों का किया कड़ा प्रतिवाद

पोल खोल सोनभद्र।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर 16 मार्च की रात से शुरू हुई हड़ताल का प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है। ऊर्जा मंत्री और चेयरमैन अपने विफलता के लिए बिजली कर्मियों को जिम्मेदार ठहराने के बजाय अपनी हठधर्मिता को छोड़कर 3 दिसंबर 2022 को हुए लिखित समझौते को लागू करें और आंदोलन का सार्थक समाधान के लिए आगे आएं। बिजली कर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के द्वारा लगाये गये बिजली के व्यवधान के आरोपों और एस्मा लगाने की धमकी देने की आलोचना की है और साथ ही चेताया है कि पूरे प्रदेश के सभी बिजली कर्मी अपनी मांगों को लेकर संकल्पित है और शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे है तथा इसके प्रतिकार स्वरूप अनपरा के मुख्य अभियंता स्तर से लेकर सभी संवर्ग के सभी बिजली कर्मी ऑफीसर्स क्लब में इकठा हो कर गिरफ्तारी के लिए तैयार खड़े है।

इसके साथ ही ऊर्जा मंत्री हाइकोर्ट को और मुख्यमंत्री को गुमराह करना बंद करें। अगर वास्तव में हाइकोर्ट का अगर किसी ने अवमानना की है तो वो खुद ऊर्जामंत्री और चेयरमैन है जिन्होंने हाइकोर्ट के समक्ष समझौते की प्रति शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में जमा कराया है। अगर संघर्ष समिति के केंद्रीय नेताओं की अथवा प्रदेश में कही भी किसी की भी गिरफ्तारी की जाती है तो इसका जोरदार प्रतिकार होगा और प्रदेश की जेलों में जगह नही बचेगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू होने के बाद उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों की रात्रि पाली में कार्य करने हेतु एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया। हड़ताल शत-प्रतिशत है। अनपरा में अताप की 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयाँ, ब ताप की 500 मेगा वाट की एक इकाई बंद करनी पड़ी है।

इसके अतिरिक्त अनपरा में 210 मेगवाट की एक इकाई तथा 500 मेगा वाट की एक इकाई जो पहले से बंद थी उन्हें बिजली कर्मचारियों के अभाव में हड़ताल के दौरान नहीं चलाया जा सका। इस प्रकार उत्पादन निगम में कुल 1850 मेगा वाट का उत्पादन प्रभावित हुआ है। पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली घरों में काम करने के लिए एक भी बिजली कर्मी ड्यूटी पर नहीं गया है और हड़ताल शत-प्रतिशत है। अब हड़ताल 72 घंटे से बढ़कर अनिश्चित कालीन हड़ताल में बदल जाएगी। जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन का होगा। सभा में अभिषेक बरनवाल,अदालत वर्मा, एसपी यादव, उत्पल शंकर, ऋषि कांत त्रिपाठी, राज कुमार, रविकांत यादव, अनूप वर्मा, आशुतोष त्रिवेदी, सचिनराज, सत्यम यादव, मनोज सिंह, अभिषेक, आरएन तिवारी, शारदा प्रसाद, रामकिशुन, विवेक सिंह, श्याम बिहारी सिंह, राजीव यादव, शैलेंद्र सिंह,जितेंद्र खरवार, विशाल, कालिका प्रसाद, दिनेश द्विवेदी, राजकुमार सिंह, सुमन झा, देवेंद्र कुमार समेत हजारों की संख्या में अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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