गर्मी शुरू होते ही उल्टी,दस्त,बुखार एवं श्वांस की बीमारी से जूझने लगे बच्चे

जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर के वार्ड मरीजों से पटा, बच्चों को लू लगने का भी है प्रकोप
पोल खोल सिंगरौली।
तापमान बढऩे के साथ-साथ जिले में उल्टी, दस्त, बुखार एवं श्वांस की बीमारी से खासकर छोटे-छोटे बच्चे पीडि़त हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर का बच्चा वार्ड इन दिनों मरीजों से पटा हुआ है। बताया जा रहा है कि बच्चे इन दिनों लू के चपेट में हैं।
दरअसल जिले में एक सप्ताह से तापमान उछल रहा है। पारा 40 डिग्री के पार पहुंचने से सूर्य देवता अपना तीखा असर भी दिखाना शुरू कर दिये हैं। सुबह 11 बजे के बाद घरों से बाहर निकलना मुश्किल पड़ रहा है। आलम यह है कि दोपहर होते-होते शहर के मुख्य मार्ग में चहल कदमी कम हो जा रही है। इस दौरान लू के थपेड़ों ने भी परेशान कर दे रहा है। लू का असर बच्चों पर भी व्यापक तौर पर दिख रहा है। जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर का बच्चा वार्ड इन दिनों मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। आलम यह है कि मरीजों की संख्या बढऩे से कई बीमार बच्चों को बेड भी नसीब नहीं हो रहे हैं। बच्चों में सर्वाधिक उल्टी, दस्त, बुखार एवं कईयों में श्वांस लेने में कमी की बीमारी बतायी जा रही है। जिला चिकित्सालय के बच्चा वार्ड में सैकड़ों मरीज भर्ती हैं।
बच्चों के नाक से भी आ रहा ब्लड
आलम यह है कि गर्मी के चलते कई बीमार बच्चों के नाक से ब्लड भी आ रहे हैं। हालांकि चिकित्सक मानते हैं कि इससे ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चों को धूप एवं लू से दूर रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिलायें। जिला चिकित्सालय के चिकित्सक मानते हैं कि इन दिनों करीब एक सप्ताह से उल्टी, दस्त, बुखार से बच्चे शिकार हो रहे हैं और इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रोजाना दर्जनों की संख्या में खासतौर पर बच्चे भर्ती हो रहे हैं। बीमार बच्चों की संख्या बढऩे के कारण देखभाल में भी कुछ अड़चने आ रही हैं। फिर भी प्रयास है कि किसी भी बच्चे की देखभाल में कोई कमी न आये। कई बच्चों को बेड नसीब न होने से मजबूर होकर वे भीड़भाड़ देख निजी नर्सिंग होम की ओर चल दे रहे हैं।
इनका कहना है
इन दिनों बच्चे उल्टी-दस्त, बुखार से पीडि़त ज्यादा आ रहे हैं। मौसम परिवर्तन का भी असर है। साथ ही गर्मी एवं लू के कारण बीमार हो रहे हैं। इसके लिए सावधानी एवं सतर्कता बरतनी आवश्यक है।
डॉ.संदीप भगत
चिकित्सक,जिला चिकित्सालय बैढऩ